Friday, November 16, 2018

वरं न राज्यं कुराजराज्यं वरं न मित्रं कुमित्रमित्रम्।
वरं न शिष्यो कुशिष्यशिष्यो वरं न दारा कुदारदाराः।।
------------अर्थात्------------
उस राज्य का वरण नहीं करना चाहिए जहां अराजकता हो। ऐसे मित्र का संग नहीं करना चाहिए जो कुमित्र हो उसी प्रकार बुरे एवं चरित्रहीन शिष्यों एवम् जीवनसाथी का संग नहीं करना चाहिए। इन सबके बिना रहना अधिक श्रेयस्कर है ।

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