Tuesday, December 04, 2018

प्रातः स्मरण
"कराग्रे वसते लक्ष्मिः, करमध्ये सरस्वती |
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम || "
"समुद्रवसने देवी ! पर्वतस्तनमंडले |
विष्णुपत्नी ! नमस्तुभ्यं, पादस्पर्शम क्षमस्व मे || "
"वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येशु सर्वदा ||"
"नमो देव्यै महा देव्यै शिवायै सततं नमः |
नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मताम ||"
"अहिल्या द्रोपदी सीता तारा मंदोदरी तथा |
पंचकन्याम स्मरेनित्यं महापातक नाशनम ||"
"अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषण: |
कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविन: ||"
"अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका |
पूरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिका: ||"
"ब्रह्मा मुरारीत्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमिसुतो बुधश्च |
गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम ||
"गुरुर्ब्रिह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः |
गुरु: साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः ||"
"गंगेच यमुने चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मदे सिन्धुकावेरीजलेस्मिन् सन्निधिम् कुरु।

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