Monday, December 24, 2018

भारत-माता बुधजन-गीता निर्मल-गङ्गा-जल-पूता ॥
शिरसि विराजित-हिमगिरि-मुकुटम्
चरणे हिन्दु-महोदधि-सलिलम् |
जघने शस्य-लता-तरु-वसनम्
जय भारतजननी जय भारतजननी ॥१॥
ऋषिवर-घोषित-मन्त्र-पुलकिता
कविवर-गुम्फित-पावन-चरिता |
धीर-वीर-नृप-शौर्य-पालिता
जय भारतजननी जय भारतजननी ॥२॥
मम मनसि सदा तव पदयुगलम्
संस्कृत-संस्कृति-सतत-चिन्तनम् |
भाव-राग-लय-ताल-मेलनम्
जय भारतजननी जय भारतजननी ॥३॥.
https://youtu.be/zKMyOG-Mb2I
nivedita2015

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